नर पक्षियों का मधुर नृत्य और कल कूजन केवल और केवल अपनी मादा को रिझाने के लिए ही होता है!
जो मादा उसके मधुर नृत्य और कल कूजन पर मुग्ध हो जाती है, वह उसकी सहचरी बन जाती है!
मादा सारस जीवन-भर अपने साथी का साथ नहीं छोड़ती!
मादा बटेर हर साल अपना साथी बदल देती है!
मोर के नृत्य को देखकर तो कभी-कभी एक दर्जन से भी अधिक मोरनियाँ उसके साथ रहने लगती हैं!मोर को जंगल का राजा भी शायद इसीलिए कहा जाता है!
कहने का तात्पर्य यही है कि नृत्य और गान करके किसी भी नर पक्षी का मूल उद्देश्य जोड़ा बनाना होता है और जोड़ा बनानेवाली उसके नाच को देख ही लेती है और समझ भी लेती है कि यह नृत्य-गान उसी के लिए हो रहा है!
समीर भाई ने देखा ...
पर उन्होंने उसके बाद की कहानी नहीं बताई! यथा - वे उस मोर के साथ कितने दिन रहे? मोर ने और उसके साथ रहनेवाली अन्य मोरनियों ने उनके साथ क्या-क्या किया?
मुझे पूरा विश्वास है कि समीर भाई बुरा न मानते हुए अपने लुभावने अनुभव हम सबको जरूर बताएँगे!
फिर भी अहसास कर सकता हूँ कि बादलों ने देखा होगा पेडों के झुरमुट से तक-झांक कर जरूर और जरूर ही देखा होगा उस मोरनी ने जिसके लिए मोर ने मनमोहक नृत्य किया.............
14 टिप्पणियां:
जब कोई ऐसे स्थान में अपना गुण दिखावे जहाँ कोई उसका समझने वाला न हो.
regards
बहुत प्राइवेट बात पूछ डाली। पर उत्तर देता हूँ।
देखा, मोरनी ने।
svaanth sukhay :)
किसी ने नहीं ,मोरिनी के सिवा
मैने देखा...
jisne ye chitra kheencha hoga usne juroor dekha hoga :)
जिसने बताया.. उसने देखा..
कीट पतंगों नें तो जरूर देखा होगा..))
i've seen many times but Seema ji has got the right meaning and i support her statement.
जब सब देख चुके तब आया अब बुझने को क्या है ?
नर पक्षियों का मधुर नृत्य और कल कूजन केवल और केवल अपनी मादा को रिझाने के लिए ही होता है!
जो मादा उसके मधुर नृत्य और कल कूजन पर मुग्ध हो जाती है, वह उसकी सहचरी बन जाती है!
मादा सारस जीवन-भर अपने साथी का साथ नहीं छोड़ती!
मादा बटेर हर साल अपना साथी बदल देती है!
मोर के नृत्य को देखकर तो कभी-कभी एक दर्जन से भी अधिक मोरनियाँ उसके साथ रहने लगती हैं!मोर को जंगल का राजा भी शायद इसीलिए कहा जाता है!
कहने का तात्पर्य यही है कि नृत्य और गान करके किसी भी नर पक्षी का मूल उद्देश्य जोड़ा बनाना होता है और जोड़ा बनानेवाली उसके नाच को देख ही लेती है और समझ भी लेती है कि यह नृत्य-गान उसी के लिए हो रहा है!
समीर भाई ने देखा ...
पर उन्होंने उसके बाद की कहानी नहीं बताई!
यथा - वे उस मोर के साथ कितने दिन रहे? मोर ने और उसके साथ रहनेवाली अन्य मोरनियों ने उनके साथ क्या-क्या किया?
मुझे पूरा विश्वास है कि समीर भाई बुरा न मानते हुए अपने लुभावने अनुभव हम सबको जरूर बताएँगे!
मैंने तो नहीं................
फिर भी अहसास कर सकता हूँ कि बादलों ने देखा होगा पेडों के झुरमुट से तक-झांक कर जरूर और जरूर ही देखा होगा उस मोरनी ने जिसके लिए मोर ने मनमोहक नृत्य किया.............
चन्द्र मोहन गुप्त
॒ रावेंद्रकुमार रवि जी
मित्र, आप के कोतुहल और जिज्ञासा को शीघ्र शांत करने का प्रयास करुँगा.
:)
धन्यवाद,
समीर भाई!
प्रतीक्षा रहेगी!
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