कि वे सिर पर सवार हैं
टोपियां खुश हैं
कि सबसे ऊंची है उनकी जगह
टोपियां खुश हैं
कि उनके नीचे दबा हुआ है दिमाग
टोपियां खुश हैं
कि उनकी छत्रछाया में पनप रहा है ज्ञान -विज्ञान
टोपियां खुश हैं
कि उनकी छाया में सूख रही हैं तमाम जरूरी चीजें
टोपियां खुश हैं
कि उनके ऊपर कुछ भी नहीं है
टोपियां खुश हैं
कि उनके नीचे सबकुछ है विद्यमान .
टोपियां समझदार हैं
वे आपस में संवाद नहीं करती हैं
टोपियां समझदार हैं
वे आपस में करती हैं सिर्फ़ वाद और विवाद
टोपियां समझदार हैं
वे जब चाहें बदल लेती हैं आपस में सिर
टोपियां समझदार हैं
वे हमेशा सिर पर सवार रहती हैं.
टोपियां खुश हैं कि वे टोपियां हैं
टोपियां खुश हैं
कि चाहे जिस ओर भी रहें
वे बड़ी समझदारी से
कि उनकी छाया में सूख रही हैं तमाम जरूरी चीजें
टोपियां खुश हैं
कि उनके ऊपर कुछ भी नहीं है
टोपियां खुश हैं
कि उनके नीचे सबकुछ है विद्यमान .
टोपियां समझदार हैं
वे आपस में संवाद नहीं करती हैं
टोपियां समझदार हैं
वे आपस में करती हैं सिर्फ़ वाद और विवाद
टोपियां समझदार हैं
वे जब चाहें बदल लेती हैं आपस में सिर
टोपियां समझदार हैं
वे हमेशा सिर पर सवार रहती हैं.
टोपियां खुश हैं कि वे टोपियां हैं
टोपियां खुश हैं
कि चाहे जिस ओर भी रहें
वे बड़ी समझदारी से
तलाश लेती हैं अपने लिए एक अदद सिर।
9 टिप्पणियां:
सच्ची... टोपी ही हो जाना चाहिए.
कैसे लाये ये ख्याल ? काबिले तारीफ है ये सोच ओर उसे दिए गए शब्द ......ओर संदेश भी
क्या बात है चच्चा ! बहुत ही अच्छी कविता!
बहुत मजा आया पढ़ कर , कैसे कैसे इतरा लेती हैं टोपिआं |
टोपियां समझदार हैं
वे आपस में करती हैं सिर्फ़ वाद और विवाद
टोपियां समझदार हैं
वे जब चाहें बदल लेती हैं आपस में सिर
हम्म बड़े पते की बात कही आपने !
टोपियां समझदार हैं
वे आपस में संवाद नहीं करती हैं
टोपियां समझदार हैं
वे आपस में करती हैं सिर्फ़ वाद और विवाद
टोपियां समझदार हैं
वे जब चाहें बदल लेती हैं आपस में सिर
bahut hi achhi kavita
आज टोपी उछालने की खूब सूझी............. अच्छी कविता
पुराना मटेरियल मगर आज भी उत्ता ही असरकारी. शुक्रिया साहेब!
गंजापन ढकने को टोपी, मेरे सिर पर रहती है।
ठिठुरन से रक्षा करती हूँ , बार-बार यह कहती है।।
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