आज अपनी दीदी लता मंगेशकर का जन्मदिन है.
बधाई !
संगीत का यह आठवां सुर आज अस्सीवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है.
यह स्वर सरिता ऐसे ही बहती रहेगी-अविराम,अविरल।अनवरत...अनंत तक....
आइये सुनते है उनके गाए दो गीत जो मुझे बहुत भाते हैं -
१- काहें बंसुरिया बजवले...(फ़िल्म : हे गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो)
२-अंदाज मेरा मस्ताना...(फ़िल्म : दिल अपना और प्रीत पराई)
7 टिप्पणियां:
लता मंगेशकर को जनमदिन मुबारक.
वो आवाज़ जो कानों में मिठास घोलती है,जन्मदिन मुबारक।
lata ji ko janmadin ke avasar par dhero badhai or shubhakamanaye.
दादा,
लता दी न होतीं तो कितनी तारिकाएं अबोली हो जातीं ? लता ने सिर्फ़ गाने नहीं गाए; पूरे समय,भारतीयता और लाजवाब कविता का गान किया है. ज़रा सोचिये कि शास्त्रीय संगीत तो हर किसी की समझ का नहीं तो ऐसे में मेरे जैसे कितने ग़रीब कानसेन हैं कहाँ जा कर तसल्ली पाते.
प्रणाम इस कालातीत स्वर को.
लता दीदी को
"शतम्` जीवेन शरद: "
सुमधुर गीतोँ को
सुनवाने के लिये बहुत शुक्रिया !
-लावण्या
" thanks for ur presence on my blog, very loving song of Lata Jee, thanks for sharing with us"
Regards
शुक्रिया इस गीत को सुनवाने के लिये ....सुर की इस सम्राग्री को ढेरो शुभकामनाये
एक टिप्पणी भेजें