सोमवार, 23 जुलाई 2012

छुट्टी कुछ दिन और अभी


ब्लोग  से छुट्टी कुछ दिन और अभी
मौज - मस्ती   कुछ दिन और अभी
हुक्का  और हम , हम और हुक्का
कुछ दिन और कुछ दिन और अभी


आते हैं जल्द ही 
करते हैं कुछ काम 
अभी तो आराम 
नमस्ते 
सलाम !

5 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

सादर-

हुक्का-पानी बंद की, चिंता रही सताय ।

डाक्टर साहब इसलिए , रहे हमें भरमाय ।

रहे हमें भरमाय, नदी के तीर जमे हैं ।

प्राकृतिक परिदृश्य, मजे से मस्त रमे हैं ।

एक मास का समय, दिया रविकर ने पक्का ।

सीधे हों सिद्धेश, नहीं तो छीनें हुक्का ।।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वाह, आनन्द है..

Arvind Mishra ने कहा…

छुट्टी? -गोया आप यहीं रहते हो !

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सलाम !

Onkar ने कहा…

वाह, आपकी मस्ती देखकर खलल डालने का किसका मन होगा?