बुधवार, 26 अक्टूबर 2011

चाहे जितना भी विस्तृत हो तिमिर लोक

किन उपकरणों का दीपक,
किसका जलता है तेल?
किसकि वर्त्ति, कौन करता
इसका ज्वाला से मेल ?
                     - महादेवी वर्मा

आज दीपावली है - दीप उत्सव, उजास का पर्व। अंधकार की सत्ता के विरुद्ध प्रकाश का संघर्ष। आज 'कर्मनाशा' के सभी पाठकों और प्रेमियों को बहुत - बहुत शुभकामनायें ! बीती रात सोने से पहले महादेवी  वर्मा और अज्ञेय की  कविताओं से गुजरते हुए बार - बार 'दीपक'  शब्द से रू-ब-रू होते हुए कुछ सोचा और कुछ यूँ ही लिखा - कविता जैसा। आइए आज इसे सबके साथ साझा करते हैं :

 चार शब्द दीप

०१-

कुछ है
जिससे  जन्म लेती है रोशनी
कोइ है
जो अपदस्थ करता है
अन्धकार के क्रूर तानाशाह को
कोई है
जो जलाता है अपना अस्तित्व

तब उदित होती है
रात के काले कैनवस पर एक उजली लकीर।

०२-

इस साधारण से शब्द का
पर्यायवाची नहीं है अंधकार
न ही
यह रंगमंच है किसी कुटिल क्रीड़ा का

रात का होना है प्रभात
और सतत जलता हुआ दीप।

०३-

चाहे जितनी भी बड़ी हो
अंधकार की काली स्लेट
चाहे जितना भी विस्तृत हो तिमिर लोक
भले आकाश की कक्षा में अनुस्थित हो चाँद

फिर भी
धुँधले न हों
उजाले के अक्षर
और ख्त्म न हो रोशनी की चॉक।

०४-

बनी रहे
उजास की अशेष आस
शेष न हो
स्वयं पर सहज विश्वास

आओ करें
रोशनी को राजतिलक
तम को भेज दें वनवास।
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10 टिप्‍पणियां:

meeta ने कहा…

चाहे जितनी भी बड़ी हो
अंधकार की काली स्लेट ....
फिर भी
धुँधले न हों
उजाले के अक्षर .
बहुत ही खूबसूरत सन्देश !! धन्यवाद . आप को दीपोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएं .

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

चारों शब्द दीप ज्ञान की रोशनी से जगमगा रहे हैं।
...कृपया बधाई स्वीकार करें।

माटी के तन में
सासों की बाती
नेह का साथ ही
अपनी हो थाती

दरिद्दर विचारों का पहले भगायें
आओ चलो हम दिवाली मनायें।
...दिवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

दीप, दर्शन का बिम्ब।

मनोज पटेल ने कहा…

बहुत अच्छी कविताएँ.
धुँधले न हों
उजाले के अक्षर
और ख्त्म न हो रोशनी की चॉक...
दीपावली की शुभकामनाएं !!

अनुपमा पाठक ने कहा…

सुन्दर शब्द दीप!
शुभ दीपावली!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर शब्दों के दीपचित्र!
आपको और आपके पूरे परिवार को
दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

राजेश उत्‍साही ने कहा…

जिसे आप वनवास भेजेंगे, वह फिर लौटकर आएगा। ऐसा कुछ करें कि लौटे ही नहीं।
*
दीपावली की शुभकामनाएं।

संगीता पुरी ने कहा…

क्‍या कहने !!
.. आपको दीपपर्व की असीम शुभकामनाएं !!

सूर्यकान्त गुप्ता ने कहा…

दीपोत्सव के चौथे दिन "अन्न-कूट गोवर्धन पूजा" की बहुत बहुत बधाई। बहुत ही सुंदर रचना…।

Onkar ने कहा…

आशा जगाती कविता