खबर कैसी है वाकया क्या है !
मुद्दआ क्या है माजरा क्या है !
पूछो मत कि हालाते-हाजरा क्या है !
वक्त बेशर्म है हया क्या है !
बदन छलनी कलेजे पे दाग ही दाग,
इस नए साल में नया क्या है !
एक रस्मी-सी रवायत मुबारकबादों की,
वैसे इस रस्म में बुरा क्या है !
सुनते हैं उम्मीद पर कायम है जहाँ,
आओ देखें कि दुआ कैसी हौसला क्या है !
पूछो मत कि हालाते-हाजरा क्या है !
वक्त बेशर्म है हया क्या है !
बदन छलनी कलेजे पे दाग ही दाग,
इस नए साल में नया क्या है !
एक रस्मी-सी रवायत मुबारकबादों की,
वैसे इस रस्म में बुरा क्या है !
सुनते हैं उम्मीद पर कायम है जहाँ,
आओ देखें कि दुआ कैसी हौसला क्या है !
12 टिप्पणियां:
बहुत खूब -नववर्ष की मंगल कामनाएं !
vaah.. bahut khub.. aapki aavaj sunkar achchha laga..
aapka naya saal mangalmay ho.. :)
बहुत ही अच्छी कविता.....नव वर्ष की आपको हार्दिक शुभकामनाये
बदन छलनी कलेजे पे दाग ही दाग,
इस नए साल में नया क्या है !
sahi kaha aapne.achcha laga ise aapki aawaaz mein sunna naya saal aapke liye bhi mangalmay ho.
bahut khub
हौसले की दुआ की कहते हैं ?
आखि़रश आप को हुआ क्या है ?
नया साल... आने वाला हर पल मुबारक़ हो ...
नये वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं...! और नया है आपकी आवाज़ को सुनना....! बहुत गंभीर और सधी आवाज़...!
सुनते हैं उम्मीद पर कायम है जहाँ,
आओ देखें कि दुआ कैसी हौसला क्या है !
चलिये आपके साथ हम भी देखते हैं...!
सुनते हैं उम्मीद पर कायम है जहाँ,
आओ देखें कि दुआ कैसी हौसला क्या है !
Naye saal ki dhero shubhkaanaye.
'बदन छलनी कलेजे पे दाग ही दाग,
इस नए साल में नया क्या है !
एक रस्मी-सी रवायत मुबारकबादों की,
वैसे इस रस्म में बुरा क्या है !'
- सुंदर रचना !
आज देखा
रस्म जैसी भी है गर निभाई गयी
बात रखने का ये भी सलीका तो है
हार्दिक धुभ्कामनाये
bahut barhiya !
एक रस्मी-सी रवायत मुबारकबादों की,
वैसे इस रस्म में बुरा क्या है !...nav varsh ki mangalkaamnaayen...
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