रविवार, 22 अप्रैल 2012

मित्रवत बनो रात के साथ : रस्किन बांड की कवितायें

एक  खूबसूरत दिन जब मेरी पतंग ने भरी उड़ान
तभी आई तेज हवा
और  मेरे हाथों में रह गई सिर्फ डोर

आज प्रस्तुत हैं रस्किन बांड की कवितायें। वे मसूरी में रहते हैं। अंग्रेजी भाषा के बड़े लेखक हैं। भारत और दुनिया की साहित्यिक बिरादरी के बीच वे एक प्रतिष्ठित कथाकार के रूप में जाने जाते हैं। पेंगुइन इंडिया से छपी अपनी कविताओं की किताब  'द बुक ऒफ़ वर्स'  में  रस्किन स्वयं स्वीकार करते हैं कि कविता उनका पहला प्यार है और वे अपने आसपास के संसार को एक कवि की निगाह से देखते हैं , अक्सर कवितायें लिखते हैं ; कभी - कभार तो गद्य के बीच भी। रस्किन बांड की कविताओं की दुनिया में प्रेम, प्रकृति, बचपन, हास्य, यात्रा और वह लोक है जिसमें वह रहते हैं, जो उनकी कथाभूमि है और जिसमें उनके पात्र  अपने तरीके से  अपना जीवन जीते हैं। आज प्रस्तुत हैं मूल अंग्रेजी से अनूदित  उनकी दो कवितायें :


रस्किन बांड की कवितायें
(अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह)

 ०१- दो सितारों का प्यार

प्रेम में पड़ गए दो सितारे
उनके बीच में अवस्थित हो गया मुक्ताकाश
दस चंद्रमा और एक जोड़ा सूर्य
परिक्रमा करने लगे आसपास।

उनसे पूर्व वहाँ विराजती थी
जगमग तारक खचित राह
रात्रि की काली नीरव निस्तब्धता
और दिवस का उज्जवल उछाह।

बीत गए करोड़ों वर्ष
दिपदिपाते रहे प्रेमी युगल संग - संग
प्रस्फुटित होती रही प्रेमज्वाल
और युगों तक चलता रहा प्रेमिल प्रसंग।

किन्तु हो गया एक तारा अधीर
और बुझ गया सहसा एक रात
अपने पीछे प्रवाहित करता
रोशनी का सतत तप्त प्रपात।

वह बढ़ा अपने प्रियतम की ओर
मन में भरे भय हर्ष
किन्तु हो सका अभिसार
चला गया दूर हजारों प्रकाश वर्ष।

०२- अंधेरे से मत डरो

अंधेरे से मत डरो प्यारे
रात्रि को भी चाहिए होता है विश्राम
जब चुक जाते हैं
दिवस के काम सारे।

सूर्य हो सकता उत्तप्त
किन्तु चाँदनी होती सदा सुशीतल
और वो तारक दल
चमकते रहेंगे सदैव प्रतिपल।

मित्रवत बनो रात के साथ
डरने की कोई नहीं है बात
यात्रारत होने दो अपने विचार
ताकि वे पहुँच जायें सथियों के साथ।

पूरा दिन , हाँ, दिन पूरा
होता है कठिनाइयों से क्लान्त
कितु रात को , देर रात गए
अखिल विश्व हो जाता है शान्त।

5 टिप्‍पणियां:

अनुपमा पाठक ने कहा…

पूरा दिन , हाँ, दिन पूरा
होता है कठिनाइयों से क्लान्त
So true!!!

बेहद सुन्दर प्रस्तुति!
सादर!

रामजी तिवारी ने कहा…

कविताओं के साथ साथ अनुवाद भी बेहतरीन है ..बेहद लयात्मक ...मजा आ गया पढकर

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अनुवाद अपने आप में एक उत्कृष्ट अभिव्यक्ति है।

abcd ने कहा…

कितनी सरल ,कितनी शांत कविताएं |
-----------------------------------------------
R.D.. बर्मन की तरह दिखने वाले Shree Bond कविता भी करते है,आज पता चला !

राजेश उत्‍साही ने कहा…

सुन्‍दर कविताओं का अतिसुन्‍दर अनुवाद।