इस बीच  ब्लॉग  पटल पर अपनी लिखत - पढ़त - सुनत - गुनत का कुछ  साझा किए हुए  लंबा समय हो गया। यह क्योंकर हुआ और कैसे हुआ? इस बात से क्या करना। बस अंतराल हुआ , हो गया। वैसे भी इस आभासी  ठिकाने पर  गालिबे खस्त: के बगैर कौन से काम बंद थे यहाँ !  आज प्रस्तुत  है कैनेडियाई - अमरीकी  कवि मार्क स्ट्रैंड की एक कविता जिसका शीर्षक है 'कविता की नई हस्त-पुस्तिका'। यह कविता तो है ही ; कविता लेखन , पठन - पाठन और उसे जीने , बरतने की एक  बेहद महत्वपूर्ण + मारक + मार्मिक + मनोरंजक  सुबोधिनी टीका भी। इसमें कविता की नियमावली , नीति , नैतिकता , निष्ठा व नव्यता  के इक्कीस  क्रमवार सूत्र हैं। वैसे ये सूत्र केवल कविता के / कविता के लिए ही हैं ; यह कहना भी एक तरह का सरलीकरण  ही होगा। कुल मिलाकर मुझे तो यही लगता है मार्क शायद यह कहना / जताना चाहते हैं कि कविता केवल शब्द भर नहीं है ....आप इसे देखें , पढ़े और  जरूरी समझें तो  अपनी राय भी  दें.....>>>
कविता की नई हस्त-पुस्तिका / मार्क स्ट्रैंड
(अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह)
१-
 अगर कोई शख्स समझने लगा है कविता को
तो समझो लो, उस पर आयद होने वाली हैं मुसीबतें।
२-
अगर कोई शख्स रहने लगा है एक कविता के संग
तो वह मरेगा निपट अकेला।
३-
अगर कोई शख्स रहने लगा है दो कविताओं के संग
तो वह करेगा बेवफ़ाई किसी के साथ।
४-
अगर कोई शख्स गर्भस्थ करता है एक कविता को
तो उसका एक बच्चा होगा कम।
५-
अगर कोई शख्स गर्भस्थ करता है दो कविताओं  को
तो उसके दो  बच्चे होंगे कम।
६-
अगर कोई शख्स लिखते समय धारण करता है मुकुट
तो उसकी होगी पहचान अगले वक़्तों में।
७-                                                                                                                                     
अगर कोई शख्स लिखते समय धारण  नहीं करता है मुकुट
तो वह धोखा देगा स्वयं को ही।
८-
अगर कोई शख्स कविता पर होता है क्रुद्ध
तो उससे घॄणा करेंगे पुरुष।
९-
अगर कोई शख्स कविता पर होता है लगातार क्रुद्ध
तो उससे घृणा करेंगी स्त्रियाँ।
१०-
अगर कोई शख्स खुलेआम करेगा कविता पर दोषारोपण
तो उसके जूतों में भर जाएगी पेशाब।
११-
अगर कोई शख्स ताकत के लिए बिसार देगा कविता को
तो उसके पास आ जाएगी बेहिसाब ताकत।
१२-
अगर कोई शख्स अपनी कविताओं को लेकर हाँकेगा डींग
तो उससे प्रेम करगी मूर्ख - मंडली।
१३-
अगर कोई शख्स अपनी कविताओं को लेकर हाँकेगा डींग और मूर्खों को करेगा प्यार
तो वह लिख न सकेगा कुछ खास।
१४-
अगर कोई शख्स कविताओं से ध्यान आकृष्ट करने की करेगा लाससा
तो वह होगा चाँदनी रात में चमकते उल्लू की मानिन्द।
१५-
अगर कोई शख्स लिखता है कविता और साथी की कविताओं पर देता है दाद
उसे मिलेगी एक खूबसूरत प्रेयसी।
१६-
अगर कोई शख्स  लिखता है कविता और साथी की कविताओं पर देता है दाद लगातार
तो उसे अपनी  प्रेयसी को सैर कराने की होगी खुली छूटा।
१७-
अगर कोई शख्स दूसरों की कविताओं को बताएगा अपनी
तो उसका दिल सूजकर हो जाएगा दुगने आकार का।
१८-
अगर कोई शख्स  अपनी कविताओं को छोड़ देगा निर्वसन
तो उसको डर सताएगा मौत का।
१९-
अगर किसी शख्स  को डर सताएगा मौत का
तो उसे बचायेंगी कवितायें।
२०-
अगर किसी शख्स  को डर नहीं सताएगा मौत का
तो उसे बचा सकती है या नहीं भी बचा सकती हैं कवितायें।
२१-
अगर कोई शख्स पूरी करता है एक कविता
तो भावावेग से भीगे जागरण में नहाई होगी उसकी नींद
और एक कोरा सफ़ेद कागज दे रहा होगा चुम्बन।