शुक्रवार, 21 मार्च 2008

होली पर दस बदमाशियां :करें जरूर , अगले बरस का क्या ठिकाना


- रंगीन वस्त्र पहनें, दूसरों को सफ़ेद वस्त्र पहनने की सलाह दें और खुद भूल जाने का बहाना करें.
२-मोबाइल पास में न रक्खें. जरूरत महसूस हो तो दूसरों का इस्तेमाल कर लें.
३-बोलें कम चिल्लायें ज्यादा. दूसरों की न सुनें अपनी ही जोतें.
४-गायें , खूब गायें. सुर की परवाह न करें ,सुरा नामक औषधि सुर लगाने के लिये ही निर्मित की गई है.
५-खायें कम ,खिलायें ज्यादा.
६-पीयें कम पिलायें ज्यादा.
७.नहायें नहीं ,नहाये बन्दे को रंग लगायें.
८-अपना वाहन न निकालें ,दूसरे के साथ लद लें.
९-झंडू खां नहीं ,चंडू खां बनें.
१०-........................................
( खाली जगह में दसवीं बदमाशी खुद भर लें)

4 टिप्‍पणियां:

कंचन सिंह चौहान ने कहा…

uttam salah dene ka dhanyavad.... happy holi

स्वप्नदर्शी ने कहा…

आपको सपरिवार होली की मुबारका..

विजय गौड़ ने कहा…

होली बीतने के बाद आप्को पडा. खॆर, अगले साल काम आयेगा नुस्खा.

Unknown ने कहा…

ये मेरे ब्राउसर का दोष है - उस दिन पुरानी पोस्ट ही खोल गया - बदमाशियां देर में मिलीं - दसवीं रायता न खाने दें जैसी हो सकती है [ :-)] -