tag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post5477767064050701278..comments2023-09-21T14:42:20.438+05:30Comments on कर्मनाशा: एक बरस की 'पाखी' को बधाई और कविता 'उत्सर्ग एक्सप्रेस'siddheshwar singhhttp://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-56190168354426117852010-04-09T13:37:15.283+05:302010-04-09T13:37:15.283+05:30..गुरु गुन लिखा न जाए..गुरु गुन लिखा न जाएAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-65510463231485111552009-08-25T15:17:21.768+05:302009-08-25T15:17:21.768+05:30आदरणीय सिँह साहब,
आज़मगढ़ के बहाने हमने भी याद की अ...आदरणीय सिँह साहब,<br /><br />आज़मगढ़ के बहाने हमने भी याद की अपने शहर में पुस्तक मेलों की यादों को, एक एक पहलू पर खोजी नज़र कोई बच नही पाया वो जो बेच रहे हैं, जो खरीद रहे हैं या वे जो बेचे जा रहे हैं बद्ल कर स्याह कागद में।<br /><br />साहित्य के उजरे संसार में फैले हुये अंधकार को प्रकाशित करती हुई रचना।<br /><br />सादर,<br /><br /><br />मुकेश कुमार तिवारीमुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-30245690855815232052009-08-24T16:02:47.068+05:302009-08-24T16:02:47.068+05:30पाखी पत्रिका विशेषकर इसीलिये खरीदी क्योंकि आप की क...पाखी पत्रिका विशेषकर इसीलिये खरीदी क्योंकि आप की कविता छपी है...मगर ईमानदारी यही है कि कविता बस अभी अबी पढ़ी है।<br /><br />आपकी कविताएं..आपके लेख..सभी कुछ एक विशिष्ट वैचारिकता रखते हैं। ये कविता बी उस से परे ना थी...! कभी कभी प्रशंसा कर के किसी चीज को शब्दों में बाँधने का मन नही होता आज भी वही है।....!<br /><br />शुभकामनाएंकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-36473000496849663602009-08-24T12:13:13.305+05:302009-08-24T12:13:13.305+05:30"गजब है सचमुच गजब
बेटे-बिटिया बड़े शान से इतर..."गजब है सचमुच गजब<br />बेटे-बिटिया बड़े शान से इतराए<br />पूरी कॉलोनी को बताए फिर रहे हैं-<br />हम लोग एक दिन के लिए गए थे आजमगढ़।"<br /><br />बहुत सुन्दर!<br />हमारी ओर से भी पाखी को बधाई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-23832371405945065392009-08-24T11:42:34.543+05:302009-08-24T11:42:34.543+05:30भौफ़्फ़ाइन कविता!भौफ़्फ़ाइन कविता!Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-58491807339841196582009-08-24T06:03:51.781+05:302009-08-24T06:03:51.781+05:30एक बरस पूरा होने की बधाई ’पाखी’ को!एक बरस पूरा होने की बधाई ’पाखी’ को!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com