tag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post1863100745969645524..comments2023-09-21T14:42:20.438+05:30Comments on कर्मनाशा: बेक़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थीsiddheshwar singhhttp://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-36589572287387659292008-12-16T20:36:00.000+05:302008-12-16T20:36:00.000+05:30बेहतरीन ग़ज़ल उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद.बेहतरीन ग़ज़ल उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-59983232099299215872008-12-15T22:04:00.000+05:302008-12-15T22:04:00.000+05:30मेंहदी हसन की आवाज़ में तो बारहा सुनता रहा हूँ ये ...मेंहदी हसन की आवाज़ में तो बारहा सुनता रहा हूँ ये ग़ज़ल आज बहुत दिनों बाद रूना जी की आवाज़ में सुनना उतना ही अच्छा लगा।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-72295908588846420142008-12-14T11:04:00.000+05:302008-12-14T11:04:00.000+05:30दो गज़ ज़मीन वाली ग़ज़ल मैंने भी अपनी डायरी में नो...दो गज़ ज़मीन वाली ग़ज़ल मैंने भी अपनी डायरी में नोट की थी। इस ग़ज़ल भी बेकरार कर देती है।वर्षाhttps://www.blogger.com/profile/01287301277886608962noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-52533751002747217892008-12-14T07:57:00.000+05:302008-12-14T07:57:00.000+05:30मैंने भी बारहवीं के दौरान जफ़र को मंच पर अभिनीत भी...मैंने भी बारहवीं के दौरान जफ़र को मंच पर अभिनीत भी किया था और उनकी यह ये गजल जो शायद उन्ही की है भी तरन्नुम में गाई थी यह न थी हमारी किस्मत कि विसाल यार होता ,अगर और जीते हम तो बस इंतज़ार होता ! अब जो यह गजल आपने उद्धृत की है उसे जहाँ तक मुझे याद है मेहंदी हसन जी ने भी गाया है .<BR/>शुक्रिया !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-39356462372434936972008-12-13T23:48:00.000+05:302008-12-13T23:48:00.000+05:30चश्म-ए-क़ातिल मेरी दुश्मन थी हमेशा लेकिन ,जैसे अब ...चश्म-ए-क़ातिल मेरी दुश्मन थी हमेशा लेकिन ,<BR/>जैसे अब हो गई क़ातिल कभी ऐसी तो न थी<BR/><BR/><BR/>लाजवाब!एस. बी. सिंहhttps://www.blogger.com/profile/09126898288010277632noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-25501269407865605982008-12-13T19:52:00.000+05:302008-12-13T19:52:00.000+05:30मोहब्बत का यह सफर जारी रहे! क्या बात है आपकी, रूना...मोहब्बत का यह सफर जारी रहे! क्या बात है आपकी, रूना लैला की और ज़फ़र की!विजयशंकर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-89187065469261979292008-12-13T19:13:00.000+05:302008-12-13T19:13:00.000+05:30ले गया छीन के कौन आज तेरा सब्र-ओ-क़रार,बेक़रारी तु...ले गया छीन के कौन आज तेरा सब्र-ओ-क़रार,<BR/>बेक़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी sunvaney ka shukriyaa bahutपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-16955759667280299292008-12-13T19:11:00.000+05:302008-12-13T19:11:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.पारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.com