tag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post102106184235029151..comments2023-09-21T14:42:20.438+05:30Comments on कर्मनाशा: इससे आगे कोई तुक मिलती नहींsiddheshwar singhhttp://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-57772862231755038292011-04-17T00:05:10.868+05:302011-04-17T00:05:10.868+05:30तुक को लेकर हिन्दी में बहस बहुत पुरानी है । वस्तुत...तुक को लेकर हिन्दी में बहस बहुत पुरानी है । वस्तुत: यह बहस तुक को लेकर नहीं थी यह लय को लेकर थी जो कालान्तर में पन्क्तियों के तुकांत की आवश्यकता और अनवश्यकता की बहस में परिवर्तित हो गई । छन्द और मुक्त छन्द की बहस के बीच यह कहीं स्थापित हो गई। जो कविता जानते हैं वे यह भी जानते हैं कि यह बहस बेमानी है । तुक का प्रयोग सायास कहीं भी नहीं होना चाहिये । <br />निश्चित है कि इन कविताओं में ऐसा प्रयोग सायास नहीं है |शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-85780983515374638412011-04-16T22:40:42.096+05:302011-04-16T22:40:42.096+05:30आज के इस बेतुके वक्त में यदि कहीं कुछ तुक में दिख...आज के इस बेतुके वक्त में यदि कहीं कुछ तुक में दिख जाए तो भला - सा लगता है।Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-81962203497705095352011-04-16T14:17:15.831+05:302011-04-16T14:17:15.831+05:30हिन्दी का तुकान्त शब्दकोश यहाँ है-
http://hi.wikt...हिन्दी का तुकान्त शब्दकोश यहाँ है-<br /><br />http://hi.wiktionary.org/wiki/Hindi_Tukaant_Shabdakoshअनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-25481213578359160062011-04-15T22:11:53.880+05:302011-04-15T22:11:53.880+05:30तुक नहीं मिलता है तो चुप रहो, वाह।तुक नहीं मिलता है तो चुप रहो, वाह।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-81918909555536549312011-04-15T18:25:19.839+05:302011-04-15T18:25:19.839+05:30ये तुकबन्दियाँ तो खूब भायीं. ख़ास तौर पर -वो हर बा...ये तुकबन्दियाँ तो खूब भायीं. ख़ास तौर पर -वो हर बार आखिर में आपका कहना कि अब नहीं मिल रही तुक ! सहज और मन के सच्चे भाव !बाबुषाhttps://www.blogger.com/profile/05226082344574670411noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-85233925096893486892011-04-15T18:02:04.331+05:302011-04-15T18:02:04.331+05:30डॉ. साहिब!
ना तो बेतुका वक्त है
और न ही बेतुकी तुक...डॉ. साहिब!<br />ना तो बेतुका वक्त है<br />और न ही बेतुकी तुकबन्दिया!<br />--<br />यह तो बेजोड़ रचनाएँ है!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-74459215101827158112011-04-15T13:05:33.218+05:302011-04-15T13:05:33.218+05:30तीनों तुकबन्दियाँ गहन भाव को संजोये हैं ..सहन करन...तीनों तुकबन्दियाँ गहन भाव को संजोये हैं ..सहन करना ही है तो चुप रह कर ही किया जाये ..और यह भी सच है कि कमज़ोर पर ही सबका जोर चलता है ....पानी भी आज खरीद कर पीना पड़ता है ...अच्छी प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com