tag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post2115112544515091016..comments2023-09-21T14:42:20.438+05:30Comments on कर्मनाशा: बाहर निकाल लो मेरी त्वचा से अपनी सुवासsiddheshwar singhhttp://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-33669735821088247262011-11-25T13:10:54.274+05:302011-11-25T13:10:54.274+05:30bahut achchi kavita. shukriya.bahut achchi kavita. shukriya.varshahttps://www.blogger.com/profile/03696490521458060753noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-88229479742992270592009-12-09T18:59:50.250+05:302009-12-09T18:59:50.250+05:30ओह ! निजार कब्बानी... आपको कैसे जानता इस कुशल अनुव...ओह ! निजार कब्बानी... आपको कैसे जानता इस कुशल अनुवादक के बिना ?सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-1745462539105489832009-12-09T07:47:24.392+05:302009-12-09T07:47:24.392+05:30मुझे एक अवसर दो
कि उस स्त्री को खोज सकूँ
जिसे मैंन...मुझे एक अवसर दो<br />कि उस स्त्री को खोज सकूँ<br />जिसे मैंने बिसार दिया तुम्हारे लिए<br />और तुम्हारे लिए हत्या कर दी उसकी।<br /><br />मैं फिर से जीना चाहता हूँ<br />एक अवसर दो मुझे<br />बस एक।<br /><br />शायरी का अनुवाद शायरी में...<br />कमाल है जनाब!<br />आपके श्रम को आदाब!!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-43448098793690384472009-12-08T20:01:49.192+05:302009-12-08T20:01:49.192+05:30मेरी गलती को बताने के लिए शुक्रिया! दरअसल आपने ठीक...मेरी गलती को बताने के लिए शुक्रिया! दरअसल आपने ठीक कहा, राक नहीं राख होना चाहिए था! आप दुबारा देखिये मेरी शायरी को क्यूंकि मैंने कुछ तबदीली की है!<br />मुझे एक अवसर दो<br />कि नई राहों का अन्वेषण कर सकूँ<br />ऐसी राहें जिन पर कभी चला नहीं तुम्हारे साथ<br />ऐसे ठिकाने तलाशूँ..<br />बहुत सुंदर रचना लिखा है आपने ! हर एक पंक्तियाँ लाजवाब है!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-84254388155096125672009-12-08T20:01:08.968+05:302009-12-08T20:01:08.968+05:30महेन जी,
* मुझे ऐसा लगता है कि जीवन के खटराग के बी...महेन जी,<br />* मुझे ऐसा लगता है कि जीवन के खटराग के बीच आने वाले / तलाशे गए लिरिकल मोमेंट्स ही हमारे भीतर नमी बनाते और बचाते हैं।<br /><br />* हाँ यह अनुवाद है। अरबी से बरास्ता अंगेजी। और इस खाकसार ने ही यह कोशिश की है।आप को अच्छी लगी , सो श्रम सार्थक हुआ।<br /><br />* शुक्रिया , दिल से ! !siddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-73569908317865666582009-12-08T19:48:19.990+05:302009-12-08T19:48:19.990+05:30रूमानी और लिरिकल मोमेंट्स? ये अवसर तो हर शादी-शुदा...रूमानी और लिरिकल मोमेंट्स? ये अवसर तो हर शादी-शुदा तलाशता है। मज़ाक जैसा सच। ये अनुवाद है क्या? आपका?<br />अच्छी कविता… सचमुच।महेनhttps://www.blogger.com/profile/00474480414706649387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-88277059418147068632009-12-08T18:47:21.331+05:302009-12-08T18:47:21.331+05:30सुन्दर रचना प्रेषित की है।बधाई।सुन्दर रचना प्रेषित की है।बधाई।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-60165442400223140982009-12-08T18:22:40.537+05:302009-12-08T18:22:40.537+05:30आप जो हमेशा बेहतरीन बेहतरीन रचनायें पढ़वाते हैं उस...आप जो हमेशा बेहतरीन बेहतरीन रचनायें पढ़वाते हैं उसके लिए बहुत बहुत शुक्रियाअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2097828634419081863.post-15738494188524728572009-12-08T16:43:01.266+05:302009-12-08T16:43:01.266+05:30मुझे एक अवसर दो
कि नई राहों का अन्वेषण कर सकूँ
ऐसी...मुझे एक अवसर दो<br />कि नई राहों का अन्वेषण कर सकूँ<br />ऐसी राहें जिन पर कभी चला नहीं तुम्हारे साथ<br />ऐसे ठिकाने तलाशूँ<br />जहाँ कभी बैठा नहीं तुम्हारे संग<br />उन स्थलों का उत्खनन करूँ<br />जिन्होंने विस्मृत कर दिया है तुम्हारी स्मृति को।<br /><br />bahut achhi kavita...Vineeta Yashsavihttps://www.blogger.com/profile/10574001200862952259noreply@blogger.com