गुरुवार, 9 अक्तूबर 2014

मैं गया बस देखने एक दीवार

अगर आप किसी के यहाँ जायें और उसके  द्वार पर दस्तक देने , पुकार लगाने के बदले  घर की दीवार का दर्शन कर खुश हों तो  सोचिए कैसा होगा वह घर और कैसे होंगे उसके रहवासी। यह एक दोस्त के घर की  पार्श्व दीवार है , काली  पुती , जिस पर आसपास के बच्चे  अधिकार पूर्वक उकेर जाते हैं अपनी - अपनी  उजली इबारतों की एक सरणि। डा० संतोष मिश्र हमारे साथी हैं ; सहकर्मी भी और सबसे बढ़कर एक सहज, सरल और संवेदनशील इंसान। उनके घर की दीवार  बच्चों की चित्रकारी की जगह है; उनका कैनवस है ' उनके सपनों की उड़ान का मुक्ताकाश है। अपन इस दीवार से मिल आए। आँखें जुड़ा गईं और वापसी में कुछ शब्द उभर आए जिन्हें आप चाहें तो कविता भी कह सकते हैं....

दीवार

यह जो है एक दीवार 
कालेपन से रंगी
इसी पर उभरते हैं उजले अक्षर
इसी पर पर उतराती है उम्मीद
इसी पर  सहेजे जाते हैं स्वप्न।

यह जो है एक दीवार 
एक साझा कैनवस
इसी से गिरती हैं दीवारें
इसी से उमगती हैं उंगलियाँ
इसी से आकार पाता है अनुराग।

यह जो है एक दीवार
सहज सरल सीधी 
इसी के साए में धूप होती है धूप
इसी के साए में  चाँदनी होती है चाँदनी
और बचपन होता है बचपन।

मैं नहीं गया जर्मनी
नहीं देख सका बर्लिन की ढही दीवार 
नहीं जा सका चीन भी
कि देख सकूँ दुनिया की सबसे बड़ी दीवार
मैं गया बस देखने 
दीवारों को गिराने वाली एक दीवार।
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8 टिप्‍पणियां:

Rajendra kumar ने कहा…

आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (10.10.2014) को "उपासना में वासना" (चर्चा अंक-1762)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।दुर्गापूजा की हार्दिक शुभकामनायें।

देवदत्त प्रसून ने कहा…

साधुवाद ! प्रगतिवादी विधा को जीवंत बनाये रखने के लिये भी शुभकामना !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

पोस्ट पढ़कर प्रेरणा मिली।
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कविता भी सारगर्भित है आपकी।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुंदर रचना !

Rohitas Ghorela ने कहा…

अपने आप में निराली पोस्ट है जिसे पढ़ कर लगा की मैं भी एक दिवार को काला रग दूँ फिर चमके उस पर भी प्यारी प्यारी कलाकृतियाँ ठीक मणके की तरह।
Rohitas Ghorela: सब थे उसकी मौत पर (ग़जल 2)

मन के - मनके ने कहा…

आपका आ लेख प्रेरणा देता है--व्यक्तित्व को पनपने देना चाहिये.
एक शुरूआत--ऐसे भी होनी चाहिये.

JEEWANTIPS ने कहा…

Very nice post..

Unknown ने कहा…

Bahut sunder prastuti .....badhayi !!!!